- ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों को सशक्त बनाने एवं मजबूत करने के बारे में सहकारिता मंत्रालय की दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक आज भुवनेश्वर में सफलतापूर्वक संपन्न हुई
- ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने हेतु तीन पहलों के कार्यान्वयन की रणनीति पर चर्चा की गई ताकि इन तीन पहलों को जल्द से जल्द जमीनी स्तर पर शुरू किया जा सके
- राष्ट्रीय समीक्षा बैठक का मुख्य एजेंडा केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा प्रत्येक गांव/पंचायत में शुरू की गई प्रमुख पहलों के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना और इस कार्य को जल्द से जल्द जमीनी स्तर पर शुरू करना था
- ओडिशा के मुख्य सचिव श्री मनोज आहूजा ने कहा कि सहकारी समितियां एक ही छत के नीचे किसानों की सभी जरूरतों को पूरा करने वाली ‘वन स्टॉप शॉप’ में बदल गई हैं
- सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा कि मंत्रालय ने देश भर में इन पहलों की सुचारू निगरानी एवं कार्यान्वयन के लिए वास्तविक समय में डेटा संग्रह और एक निर्बाध संरचना के निर्माण की योजना हेतु एनसीडी डेटाबेस के माध्यम से डिजिटलीकरण पर काम किया है।
देश में सहकारी समितियों को सशक्त बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों को मजबूत करने के उद्देश्य से, सहकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक आज ओडिशा के भुवनेश्वर में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक का उद्घाटन ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव श्री मनोज आहूजा ने किया और इसमें सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस राष्ट्रीय समीक्षा बैठक का एक प्रमुख एजेंडा केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा हाल ही प्रत्येक गांव/पंचायत में में शुरू की गई तीन प्रमुख पहलों से संबंधित एसओपी का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करना और इस कार्य को जल्द से जल्द जमीनी स्तर पर शुरू करना था।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री द्वारा शुरू की गई तीन प्रमुख पहलों से संबंधित एसओपी में दो लाख नए एमपैक्स, डेयरी एवं मत्स्य सहकारी समितियों का गठन व सुदृढ़ीकरण, ‘श्वेत क्रांति 2.0’ से संबंधित मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) और ‘सहकारी संगठनों के बीच सहयोग’ शामिल हैं। इस दो दिवसीय समीक्षा बैठक में पैक्स को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निर्यात के अवसर प्रदान करके एक जीवंत आर्थिक इकाई बनाने के लक्ष्य पर भी चर्चा की गई।
सरकार के पहले 100 दिनों में सहकारिता मंत्रालय द्वारा की गई दस पहलों में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा हाल ही में नई दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान शुरू की गई तीन प्रमुख पहलें शामिल हैं।
इस बैठक का उद्देश्य मंत्रालय की 100-दिवसीय कार्य योजना के सफल कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श करना था। इस बात पर चर्चा की गई कि सहकारी स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए युवाओं की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में सहकारी समितियों में युवाओं की भागीदारी बढ़ाना, सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रणालियों का आधुनिकीकरण काफी महत्वपूर्ण है।
ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव श्री मनोज आहूजा ने जमीनी स्तर पर ऐसे मजबूत संस्थानों के गठन और प्रचार की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें स्थानीय लोगों की गुणवत्तापूर्ण इनपुट, भंडारण संरचना, प्रसंस्करण संबंधी सुविधाएं, ऋण संबंधी सुविधाएं और विपणन संबंधी सुविधाएं जैसी सभी बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा सके।
अमूल जैसी बहु-राज्यीय सहकारी समितियों का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि मॉडल उपनियम, कम्प्यूटरीकरण, जन औषधि केन्द्रों जैसी सहकारिता मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं एवं पहलों ने इन सहकारी समितियों को एक ही छत के नीचे किसानों की सभी जरूरतों को पूरा करने वाली ‘वन स्टॉप शॉप’ में बदल दिया है। जनता का अपना संगठन होने के नाते सहकारी समितियों में अपार संभावनाएं हैं।
सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने सकल घरेलू उत्पाद में योगदान देने में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इस दिशा में उन्होंने सहकारिता मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में मॉडल उपनियमों को अपनाकर एमपैक्स के गठन पर जोर दिया।
मॉडल उपनियमों को अपनाने से पैक्स को बहु-आयामी बनने में मदद मिली है और यह 25 नए व्यावसायिक क्षेत्रों में काम करने में सक्षम हो गया है, जो आर्थिक रूप से पैक्स को मजबूत करेगा। इसके अलावा, तीन नई सहकारी समितियों एनसीईएल, एनसीओएल और बीबीएसएसएल के गठन ने पैक्स के लिए क्षितिज को व्यापक बना दिया है। ये समितियां किसानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जैविक उत्पादों सहित उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने में सहायता करेंगी।
उन्होंने बताया कि एक बड़े कदम के रूप में, सहकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी पहलों की सुचारू निगरानी एवं कार्यान्वयन के लिए वास्तविक समय में डेटा संग्रह और एक निर्बाध संरचना के निर्माण की योजना हेतु एनसीडी डेटाबेस के माध्यम से डिजिटलीकरण पर काम किया है।
डॉ. भूटानी ने कहा कि देश में सहकारी आंदोलन को और मजबूत करने हेतु, अगले पांच वर्षों में 50 प्रतिशत सहकारी सदस्यों को प्रशिक्षित करने की दृष्टि से नियमित क्षमता निर्माण प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों के सहकारी विभागों से नवंबर, 2024 में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन में भाग लेने का भी अनुरोध किया।