पीटीसी इंडिया के निदेशक मंडल ने राजीब कुमार मिश्रा को कंपनी के निदेशक या चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में शामिल नहीं करने का फैसला किया है।
इसके पहले प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने कंपनी परिचालन में कथित चूक से संबंधित मामले में मिश्रा को छह महीने के लिए किसी सूचीबद्ध इकाई में निदेशक के रूप में काम करने से रोकने के सेबी के आदेश को रद्द कर दिया था।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पीटीसी इंडिया के तत्कालीन सीएमडी पर छह महीने के लिए निदेशक पद पर काम करने की रोक लगाई थी।
पीटीसी इंडिया ने शेयर बाजार को 14 दिसंबर को भेजी सूचना में कहा है कि मिश्रा 12 जून, 2024 से ही कंपनी के सीएमडी नहीं हैं।
रूस के परमाणु रक्षा बल के प्रमुख और उनके सहायक की विस्फोट में मौत
कंपनी ने कहा, ‘‘निदेशक मंडल की 13 दिसंबर को हुई बैठक में सैट के 11 दिसंबर के आदेश पर विचार-विमर्श किया गया। बोर्ड ने यह तय किया कि राजीब कुमार मिश्रा को पीटीसी इंडिया के निदेशक मंडल में निदेशक या सीएमडी के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता है।’’
अपीलीय न्यायाधिकरण ने सेबी का आदेश खारिज करते हुए कहा था कि मिश्रा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और अपीलकर्ता को बिना किसी गलती के लगभग छह महीने तक आदेश का सामना करना पड़ा है।
इससे पहले बाजार नियामक ने 12 जून के अपने आदेश में मिश्रा को कंपनी परिचालन में खामियों के चलते छह महीने तक किसी सूचीबद्ध इकाई में निदेशक पद लेने से रोक दिया था। इसके अलावा उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
बिहार : सरकारी कार्यालय से शराब की 135 बोतलें बरामद, सात लोग गिरफ्तार
सेबी के इस आदेश के बाद मिश्रा पीटीसी इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (पीएफएस) के चेयरमैन एवं गैर-कार्यकारी निदेशक और पीटीसी इंडिया के सीएमडी पद से हट गए थे। पीटीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रवर्तित पीएफएस एक गैर-जमा लेने वाली एनबीएफसी है।